Wednesday, December 10, 2014

स्कूल एवं कॉलेज के विद्यार्थियों हेतु उपयोगी बातें

 हमारे देश भारत के लिये 10 दिसंबर 2014 का दिन एक और सम्मान लेकर आया जब एक सामाजिक
कार्यकर्ता श्री कैलाश सत्यार्थी को उनके विशिष्ट कार्य के लिये शांति के नोबेल पुरुस्कार से नवाजा गया।  श्री कैलाश सत्यार्थी जी ने जबरन बाल मजदूरी कराये जा रहे बच्चों, अनाथ बच्चों, भागे या भगाये गये बच्चों को उनके माता पिता से मिलवाने का संकल्प लिया था और अपने जीवन को इस कार्य के प्रति समर्पित कर दिया । ऊन्होंने बच्चों के जीवन को पुन: सवांरने के इस महान कार्य में अनेक कठिनाईयों का सामना भी किया, यहां तक की उनको मारने की कोशिश भी की गई। उसके बाद भी वे बिना किसी भय के लगातार इस कार्य में जी जान से जुटे रहे। इसका आज परिणाम यह हुआ कि आज लाखों बच्चों का जीवन बच गया और उन बच्चों के चेहरे की मुस्कान और अधिकार उन्हें वापस मिल गये । इस ईनाम के लिए श्री कैलाश सत्यार्थी जी को अनेक बधाईयाँ जिसके वे पूरे हकदार है।    

इन बातों ने मुझे भी आज कुछ बच्चों के लिये लिखने का विचार आया। मुझे लगा कि हमारे देश में अनेक समस्यायें है जैसे; अशिक्षा, बेरोजगारी, भूखमरी, रोज आये दिन होते बलात्कार और हत्यायें आदि आदि। इन समस्याओं का हल ढूढना भी बहुत बडा  काम है। सरकारें इस कार्य के लिये अनेक योजनाओं के माध्यम से प्रयत्न करती है फिर भी यह कम होने का नाम नहीं लेती है । इसमें हमारे देश में हो रहा भ्रष्टाचार भी  एक बडा कारण है । तो क्या इसका कोई भी हल नहीं है ?

मुझे लगता है कि क्यों  ना हम ही इसका हल बने । माध्यम होंगे हमारे समाज और परिवारों के ही बच्चे। यदि हम बच्चों को एक अच्छा और शिक्षित इंसान बनाते है तो यह हमारे देश की मजबूत नींव बनाने में  अच्छा योगदान करेगा तथा जो हमारे देश की कई बड़ी समस्याओं को जड़ से समाप्त करने में अहम भूमिका अदा कर सकता है।  आइये अब इस कार्य के लिए कुछ जरूरी बातों पर गौर करते है;                                    
 हमारे  देश,समाज और परिवार की नींव को मजबूती प्रदान करने वाले हमारे प्यारे बच्चों से उसके जन्म के बाद से ही सभी के मन में स्वाभाविक रूप से अनेक बातों  और आशाओं का समुंदर हिलोरें लेने लगता  है, जैसे; मेरा बच्चा भविष्य में क्या बनेगा, क्या करेगा, उसका जीवन कैसे खुशहाल व उज्जवल होगा तथा वह हमारे देश, समाज और परिवार के प्रति अपना कर्तव्य कैसे निभाएगा आदि आदि । बच्चों के भविष्य के बारे में सोच और चिंतन से सभी को एक मार्ग मिलता है और वे इस कार्य को किस प्रकार से करें उसके लिए प्रयत्नशील होने लगते है। उस समय बच्चों के बेहतरीन लालन-पालन और शिक्षा की व्यवस्था सबका प्राथमिक कार्य हो जाता है तथा वे बच्चों में अच्छे संस्कार, उनकी अच्छी शिक्षा व सेहत आदि के कार्य में व्यस्त हो जाते है । हमारे देश, समाज और परिवारों के हर वर्ग को ऐसे जन्मजात संस्कार मिले है, जिसमें हर माता-पिता अपने कर्तव्य को निभाते हुए बच्चों के भविष्य को सवांरने और सजाने के लिए अपने  अपने सामर्थ्य और शक्ति से पूर्ण करने का भरपूर प्रयत्न करते है, तब जाकर तारे की तरह चमकता एक सम्पूर्ण और कामयाब इंसान बनता है ।जिस पर प्रत्येक माता-पिता को गर्व है, जिसके अनेक अच्छे उदाहरण हर परिवार में आसानी से देखने और सुनने को मिल जाते है । यदि माता-पिता का यह सपना पूरा हो जाए तब उस पल उनसे ज्यादा खुशनसीब इंसान इस दुनिया में और कोई नहीं होता, यह हम सभी समझ और सोच सकते है ।

क्या हो बच्चों के कर्तव्य -  हमने देखा कि कैसे हर माता-पिता,  बच्चों के बचपन से ही उनके लालन-पालन के लिए कितनी कड़ी मेहनत करते है । तब वे भी अपनी इस परीक्षा के लिए एक दिन इस इन्तजार में रहते है, कि उनके इस कार्य में वे कितने सफल हुए । आपको यह  भी मालूम होना चाहिए कि उनकी इस परीक्षा और मेहनत के  परिणाम में मात्र उनके बच्चे की ही सफलता निहित होती है ।

अब जब आप सभी बच्चे अपने पेरेंट्स द्वारा सिखायी बातों और उनके दिए गए संस्कारों के साथ बड़े हो रहे  है और एक विद्यार्थी  की तरह  स्कूल और कॉलेज की पढ़ाई के अतिरिक्त  अच्छा खाना खाने, अच्छे कपड़ें पहनने, खेलकूद करने और दोस्त बनाने में  मजे से अपने माता-पिता के साथ रहकर  एक बड़े कामयाब इंसान बनने की कोशिशों में दिन-रात लगे  है, तब आपको भी कुछ ऐसे  अच्छे और छोटे-छोटे जरूरी काम करने होंगे, जो आने वाले समय में और आज के प्रतियोगिता के कठिन दौर में कामयाबी हासिल करने के लिए आपके लिए  करना नितांत आवश्यक हो गए है । आइये कुछ बातों पर विचार करें जिस पर सभी को अमल में लाकर अपना कार्य करना चाहिए ;
1. सबसे पहले अपनी दिनचर्या को व्यवस्थित करें। एक निश्चित टाईम टेबल बनाए जिसमें  सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक का एक निश्चित समय निर्धारित करें  और इसका पालन नियमित करे। आप किसी भी कक्षा के विद्यार्थी हो अपने कार्य पढ़ाई के प्रति सदैव सचेत रहे । अपने कॉपी और किताबों का पढ़ाई करते हुए विशेष ख्याल रखें,  उनकी पूजा करें क्योंकि वही माँ सरस्वती है जो आप के लिए ज्ञान का खजाना है।    
2 . सुबह जल्दी सोकर जागना एक सबसे अच्छी आदत है इससे आप सदैव ऊर्जान्वितऔर स्फूर्तिवान बने
 रहते है । सुबह स्कूल जाने से पहले थोड़ी हल्की  कसरत करें ताकि आपके  शरीर के सभी अंग तरोताजा होकर दिन भर काम करने, खेलने आदि के लिए तैयार रहे ।
3. रात को ही स्कूल की ड्रेस आदि तैयार रखे जिससे सुबह कोई भी परेशानी ना हो।जिससे समय की बचत होगी और आप फटाफट तैयार होकर समय पर स्कूल, कॉलेज के लिए पहुँच सकेंगे । स्कूल/कॉलेज में एक सुव्यवस्थित ड्रेस के साथ रहने से आपके शिक्षक हमेशा आपसे खुश रहेंगे और आप हमेशा स्मार्ट अनुभव करेंगे जो आपको पढ़ाई और अन्य कार्यकलापों के काम में दिलचस्पी बढ़ाता रहेगा ।  
4. अपने  होमवर्क को रोज पूरा करें और जो रोज पढ़ाया जा रहा है उसे घर पर रिवाइज करें । जिससे आप स्कूल/कालेज में कभी पीछे नहीं रहोगे और इस आदत से आपको किसी ट्यूशन की जरूरत नहीं होगी  और आप हमेशा अच्छे नंबरों से पास हो सकोगे। छुट्टी के दिन या परीक्षा के समय सुबह 5  बजे उठकर पढ़ाई ज्यादा फायदेमंद होती है अत: जल्दी सोये और  जल्दी सोकर उठकर याद करें।  
5.  स्कूल/कॉलेज में पढ़ने वाले बच्चों को पढ़ाई के अलावा एक शौक के रूप में रोज अखबार और अच्छी अपनी मनपसंद की किताबों को भी पढ़ना जरूरी है जिससे आपके सामान्य ज्ञान में वृद्धि होगी ।  इसके अलावा रोज लगभग एक घंटा कोई भी खेल खेंले जिससे आप पूरी तरह से शारीरिक तौर से फिट रहेंगे। ये  अच्छी आदतें या शौक आपको भविष्य में किसी भी इंटरव्यू या संवाद में सफल बनाने  में काम आएगी। 
6. पढ़ाई  के बाद मिले समय में घर के छोटे-छोटे कामों में पेरेंट्स की मदद करें जैसे; खाना खाने के बाद बर्तन सिंक में खुद रखें, खाना बनाने की कला को अपनी मम्मी के निर्देशन में सीखें, अपने कपड़े धोये, अपने जूते पोलिश करें, अपने कपडे  प्रेस करें उन्हें करीने से रखें आदि आदि । ये सभी  काम आपको आपके सर्विस या  हॉस्टल और अन्य जगहों पर बहुत काम आएंगे जब आप अकेले होंगे ।
7. यदि हो सकें तो कोई एक संगीत की विधिवत कला जरूर सीखें जैसे; गायन, वादन, नृत्य। ड्राइंग और पेंटिंग को भी सीखें जो आपके सम्पूर्ण व्यक्तित्व विकास में स्कूल और कॉलेज में काफी ज्यादा मददगार होगा । इन  कलाओं से युक्त व्यक्ति अच्छे संस्कारो सीखता है और दूसरो के साथ खुद अपना मनोरंजन कर सकता है, अच्छा संगीत आपको शांत रखने और आपका कार्य के प्रति कंसंट्रेशन बढ़ाता है ।  इस कला के दम पर आप  अपने स्कूल और कॉलेज या कार्य क्षेत्र में सांस्कृतिक  कार्यक्रमों के माध्यम से ज्यादा पॉपुलर हो सकते है ।
8. आज के वैज्ञानिक युग में कंप्यूटर और मोबाइल के बिना काम करना आसान नहीं है फिर भी यदि बच्चे इसका उपयोग कम से कम करें तो अच्छा होगा, मात्र पढ़ाई के आवश्यक काम उस पर करें । वाट्स ऎप और फेसबुक पर केवल अच्छे दोस्त बनाये और  माता- मिले संस्कारों को ध्यान में रखते हुए सभी को आदर और सम्मान दे।  क्योंकि आज के समय में यह कम ही बच्चों में दिखाई  देता है । यदि आप कंप्यूटर पर कार्य करते है तब रोज व्यायाम जरूर करें, कार्य के बीच बीच में १० मिनट का विराम दे ताकि आँखे ख़राब होने का चांस कम हो ।
9.  अपने घर पर या आस-पड़ोस में यदि परीक्षा के  दिनों में लॉउडस्पीकर या अन्य शोर शराबा हो तो तुरंत इसका विरोध करे क्योंकि यह आपका हक़ है । आप भी अपने घर पर शादी या अन्य कार्य में साउंड सिस्टम का उपयोग कम आवाज में करें ताकि आप की वजह से भी किसी अन्य को पढ़ाई में बाधा  ना हो । 

यदि आपको अपना जीवन खुशहाल बनाना है और आपके पेरेंट्स के सपनो को पूरा करना है, तब आज से ही  उपरोक्त बताई बातो पर अमल करें जो निश्चित ही आपको एक अच्छा इंसान बनाने में मदद करेगा । जब सभी पढ़े-लिखे अच्छे इंसान होंगे तो शायद आज की रोज मुँह उठाती समस्याएं अपने आप ही समाप्त हो जाएगी । तो आइये अपने देश के लिए आप भी श्री कैलाश सत्यार्थी जैसे बन कर देश को विभिन्न समस्याओं से निजात दिलाने का प्रयास करें ।  इसलिए जमकर पूरे जोश के साथ अपने कार्य  के प्रति समर्पित रहें जो आप के लिए महत्वपूर्ण है । अंत में सभी बच्चों को आने वाले परीक्षा और प्रतियोगिताओं  के लिए ढेर सारी शुभकामनाएं देता हूँ और  ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि आप अपने हर कार्य में सफल हो तथा आपका भविष्य  उज्जवल और जीवन मंगलमय हो ।    

       


   
       

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