नींद नहीं आती है " - समस्या और समाधान
आजकल
ज्यादातर एक आम बात लोग दफ्तर
में, रास्ते
में या घर पर
कहते आपको मिल
जायेंगें कि मुझे रात को नींद नहीं आई या नहीं आती
है वगैरह | "
नींद क्यों नहीं आती है"
आइये लोगों
की इसी
समस्या के कारणों एवं उसके समाधान
को जानने का प्रयत्न हम करते है |
सूर्योदय के पश्चात्, सूर्य की पहली किरण जहाँ हमें अपने कार्यों
को दिनभर करने हेतू शक्ति प्रदान करती है, वहीँ सूर्यास्त के बाद की
अंधकारमय रात दिनभर की शारीरिक थकान को दूर करने के लिए अति-आवश्यक होती है| रात की एक बेहतर नींद हमें अगले दिन के लिए चुस्त-दुरुस्त व उर्जावान बनाने मे सहायक होती है | अतः हमारी मानसिक, शारीरिक क्षमता को संतुलित
बनाये रखने में दिन एवं रात दोनों
ही का बहुत बड़ा महत्व है | मनुष्य अपनी लालसाओ की पूर्ति के लिए रात व दिन दोनों में ही कार्य कर रहा है| जिससे उसके लिए जरुरी नींद में कमी के कारण शरीर की उर्जा समाप्त होकर हमारी शारीरिक शक्ति को नुकसान पहुँचाती है, और अनजाने ही हमारे शरीर को सुचारू रूप से चलाने वाले तंत्र जैसे पाचन व स्नायु तंत्र आदि शीघ्र प्रभावित करके हमारी शारीरिक कार्य क्षमता को कम करते है |
आधुनिक काल में मनुष्य की जिंदगी में भाग-म-भाग बढ़ने व अधिक काम के बोझ के तले और व्यर्थ की बातो को दिमाग में सदैव रखने से वह मनोवैज्ञानिक रूप से तनाव ग्रस्त जीवन यापन कर रहा है | अधिक काम करना अच्छी बात है, किन्तु यदि काम को पूरी लगन व ध्यान से किया जाए तब वह एक मेडीटेशन करने की तरह होता है | अतः कार्य में एकाग्रता आपको पूर्ण संतृप्त करेगी, इस प्रकार का ज्यादा कार्य आपको थकावट से ज्यादा उत्साह व स्फूर्ति प्रदान करेगा, जो आपकी रात की नींद में अति सहायक होगा | इसके विपरीत अनावश्यक फालतू या स्वार्थ सिद्दी का कार्य आपके मन को हमेशा
बैचन या भ्रमित रखता है, और जो
शायद आपकी नींद में भी खलल पैदा कर सकता है | अतः कार्य को ईमानदारी के साथ एक ईश्वर
की आराधना समझ कर करें, जिससे आपको अवश्य ही सुकून मिलेगा |
आज लोगों के पास शरीर को ताकतवर बनाये रखने तथा अनेक रोगों से लड़ने की शक्ति हेतू आवश्यक योगा व्यायाम या वर्जिश करने का समय नहीं है , जो आजकल की जिंदगी में करना जरुरी हो गया है | अतः हम कह सकते है, कि अशांत दिमाग और
मन सभी की प्राकृतिक
नींद में खलल पैदा कर रहे है, जिसके कारण उसे गहरी नींद नहीं आना
स्वाभाविक है| क्या नींद में कमी के कारण ही कम आयु में ही ब्लड - प्रेशर, मधु-मेह और ना जाने कई गंभीर रोग हमारे शरीर को खोखला कर रहें है ? आइये नींद में कमी के कुछ और कारणों और उनके समाधानों के बिन्दुओ पर विचार करते है, जो इस प्रकार है,
पहला कारण- मुख्यतः वैज्ञानिक तौर से नींद में कमी का कारण मनोवैज्ञानिक और शारीरिक हो सकता है |
अधिक काम कि लालसा व उसके बोझ का परिणाम शरीर पर
अप्रत्यक्ष रूप से पड़ता है, जिसके कारण बैचेनी
महसूस होती है, जो आपकी
प्रतिरोधक क्षमता में कमी दर्शाता है | असंतुलित दिन-चर्या, खान-पान तथा नियमित व्यायाम की कमी पाचन की क्रिया को ख़राब कर सम्पूर्ण पाचन तंत्र का नुकसान कर देती है, जिससे कई बीमारियो को जन्म लेने में सहायता मिल
जाती है, जो अच्छी गहरी नींद के लिए बाधक बन जाता है |
समाधान- यह सच है,कि कार्य करना जीवन की गाड़ी को चलाने के लिए जरुरी
है, किन्तु उसी जीवन को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक है,कि कार्य की अधिकता ना हो और कार्य को निश्चित समय सीमा तक ही किया जाये| मधुर संगीत सुनने व खुश
रहने से शरीर को पर्याप्त
आराम मिलता है जिससे मानसिक व शारीरिक क्षमता बढ़ती है, जो प्राकृतिक रूप से गहरी नींद में बढ़ोतरी करने में संजीविनी बूटी का काम करती है| एक सर्वे के अनुसार रोज ७-८ घंटे की नींद शरीर को निरोगमय रखती है | नियमित व्यायाम,संतुलित दिनचर्या व खानपान के साथ सोते समय संगीत सुनने व खुश रहने से अवश्य ही आप भरपूर नींद का मजा ले सकते है|
दूसरा कारण - शरीर के लिए रात्रि की नींद प्राकृतिक आवश्यकता होती है | यदि रात में अधिक जागरण के लिए कैफीन युक्त चाय, कॉफ़ी या अन्य उत्तेजक दवाओं का उपयोग करें तब भी यप्पी
फ्लू( थकावट,अनिद्रा और
उनींदेपन) जैसी बीमारी की शिकायत होती है| आजकल विश्व के बड़े औद्योगिक देशो में एक तिहाई से ज्यादा लोग इस रोग के शिकार
हो चुके है | विज्ञान के तकनीकी विकास के
बाद कम्पुटर, संचार आदि जैसी सुविधाओं में बढोतरी, तथा सोते समय ज्यादा नशे की आदत भी हर वर्ग के आयु के
लोंगो में नींद में कमी का कारण हो सकती है|
समाधान- अनियमित जीवन शैली से नींद में अभाव जीवन के लिए घातक होता जा रहा है | अतः रात में सोने के २ घंटे पहले खाना खा लें, और लगभग १०० कदम धीरे-धीरे पैदल चले,सोने के पहले हल्के गर्म दूध लेकर सोयें, जिससे आपकी पाचन क्रिया सही रहेगी | आधुनिक जीवन जीने की ललक में शराब,चाय,कॉफ़ी या ड्रग्स का इस्तेमाल ना
समाधान- अनियमित जीवन शैली से नींद में अभाव जीवन के लिए घातक होता जा रहा है | अतः रात में सोने के २ घंटे पहले खाना खा लें, और लगभग १०० कदम धीरे-धीरे पैदल चले,सोने के पहले हल्के गर्म दूध लेकर सोयें, जिससे आपकी पाचन क्रिया सही रहेगी | आधुनिक जीवन जीने की ललक में शराब,चाय,कॉफ़ी या ड्रग्स का इस्तेमाल ना
करें | सोने से पहले अच्छी किताबो को पढ़ें या शांत संगीत सुने और नींद को पहली प्राथमिकता देकर भरपूर नींद लें, पर्याप्त नींद होने से स्नायु कोशिकाओ व मस्तिष्क के संदेशो का
प्रवाह में उपयोगी रासायनिक तत्वों का संतुलन बना रहता है| जिससे आपकी
मानसिक शक्ति के साथ-साथ
आपकी रचनात्मक क्षमता में वृध्दि होगी |
तीसरा कारण - गृहस्थाश्रम में प्रवेश के बाद मनुष्य भोग-विलास
,पारिवारिक जिम्मेदारियों, बच्चो के लालन-पालन व उनकी शिक्षा, बीमारी आदि प्रपंचो में फँस
के रह जाता है | फलस्वरूप तनावग्रस्त मन में कई विचारो का आदान-प्रदान
होने से भी कभी-कभी रात को नींद में बाधा आना स्वाभाविक है | भूलने की आदत, आलस्य,
आँखों पर बुरा प्रभाव आदि
शिकायते भी लम्बे समय से चले आ रहे नींद में कमी का कारण दिखाता है, जिससे दिनभर आलस्य ,पेट की गड़बड़ी और थकावट आदि की अनुभूति होती है|
समाधान- चिंतामुक्त जीवन जीने के लिए सम्पन्नता जरुरी है| ज्यादा सम्पन्नता की लालसा भी आवश्यक नहीं है, इससे दिमाग हमेशा भ्रमित रहता है | अपनी आवश्यक जरूरतों की
जिम्मेदारियों का निर्वाह ईमानदारी से करना चाहिए| एक कहावत भी है, कि "जितनी चादर
उतना ही पैर फैलाना चाहिए" , इसके मायने है,कि आदमी में संतोष होना
चाहिए| अतः ज्यादा लालसा आदमी के मन को सदैव असंतृप्त
कर देती है | संतुलित काम और संतुलित सोच के साथ रहना आपकी दिनचर्या को
व्यवस्थित रखती है, जिससे नींद ना आने जैसी समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है |
स्वास्थ्य और नींद
का सम्बन्ध - हमने देखा, कि उपर्युक्त कारणों से नींद में कमी आती है तथा
उनके समाधानों को लागू करने से पर्याप्त नींद होने से शरीर की उर्जा शक्ति में बढ़त के साथ किसी समाधान को
जल्दी निकालने की ताकत, याद-दाश्त बढ़ने, अंतर्दृष्टि विकास के साथ तेजस्वी रूप प्राप्त होता है, जो आपको सदैव प्रसन्न बनाये रखेगा|
जीवन में प्रसन्नता
जरुरी होती है, और जीवन कभी समाप्त नहीं होगा | अतः आधुनिक जीवन में जितनी भी स्वार्थ रूपी दौड़ लगाये वह कभी पूरी नहीं होगी | ईश्वर ने हमें जीवन दिया, इसे हम सबको शरीर के माध्यम से सुव्यवस्थित तरीके से
संचालित करके चलाना चाहिए, जो सभी को सदैव निरोगमय बनाये रखेगा और हम सभी दीर्घायु होंगे | नियमित योगा व्यायाम, संयमित दिनचर्या, खान-पान के साथ संतुलित कार्यों को करने से शरीर उर्जा से भरा होगा, जो मानसिक शांति भी प्रदान करेगा| यही मानसिक शांति ही गहरी व सुखद नींद के लिए अति-आवश्यक
होती है| अतः हमारे शरीर को हमें समझना चाहिए और प्राकृतिक रूप में इसे बनाये रखना चाहिए तथा बुरी आदतों को छोड़कर, अच्छी आदतों का निर्माण हम सबको करने से निश्चित ही हम उर्जावान व स्फूर्तिवान होंगे, जिससे हमें हमारी नींद ना आने की समस्या का निराकरण सदैव के लिए मिल जायेगा |
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