प्रकृति का रखें ख्याल
आज भी पृथ्वी पर सूर्य का उदय और अस्त होना, पशु पक्षियों का कलरव, पहाड़ों नदियों से पानी का बहना, मौसम में बदलाव होना आदि सब प्रकृति के नियम से सुचारू रूप से संचालित हो रहा है 🙏
उसी पृथ्वी पर आज अपने आप को भगवान समझने वाली अहम से भरी मानव जाती अपने जीवन के अस्तित्व की लड़ाई के लिए जूझ रही है 😦
इस अस्तित्व की लड़ाई में शायद एक आशा की किरण मात्र प्रकृति ही है, जिसके नियमों के साथ हमने छेड़छाड़ कर अनेक खिलवाड़ किए है ।
🙏इस कोरोना का इलाज़ प्रकृति ही कर सकती है जो हमें माफ़ कर जीवन जीने का एक अंतिम मौका दे 🙏 इसके लिए हमें आने वाले समय में प्रायश्चित कर भूल से भी उसके बनाए नियमों के साथ छेड़छाड़ न करने की शपथ लेकर प्रतिज्ञा करनी होगी, जो झूठी नहीं होना चाहिए, अन्यथा अगले लॉक डाउन में मानव अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा 🙏🙏
🙏प्रकृति को बचाए, सुरक्षित रहें 🙏
आज भी पृथ्वी पर सूर्य का उदय और अस्त होना, पशु पक्षियों का कलरव, पहाड़ों नदियों से पानी का बहना, मौसम में बदलाव होना आदि सब प्रकृति के नियम से सुचारू रूप से संचालित हो रहा है 🙏
उसी पृथ्वी पर आज अपने आप को भगवान समझने वाली अहम से भरी मानव जाती अपने जीवन के अस्तित्व की लड़ाई के लिए जूझ रही है 😦
इस अस्तित्व की लड़ाई में शायद एक आशा की किरण मात्र प्रकृति ही है, जिसके नियमों के साथ हमने छेड़छाड़ कर अनेक खिलवाड़ किए है ।
🙏इस कोरोना का इलाज़ प्रकृति ही कर सकती है जो हमें माफ़ कर जीवन जीने का एक अंतिम मौका दे 🙏 इसके लिए हमें आने वाले समय में प्रायश्चित कर भूल से भी उसके बनाए नियमों के साथ छेड़छाड़ न करने की शपथ लेकर प्रतिज्ञा करनी होगी, जो झूठी नहीं होना चाहिए, अन्यथा अगले लॉक डाउन में मानव अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा 🙏🙏
🙏प्रकृति को बचाए, सुरक्षित रहें 🙏
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